आरती: श्री गणेश - शेंदुर लाल चढ़ायो (Shri Ganesh Shendur Laal Chadhayo)
शेंदुर लाल चढ़ायो शेंदुर लाल चढ़ायो अच्छा गजमुख को । दोंदिल लाल बिराजे सुत गौरिहर को । हाथ लिए गुडलद्दु सांई सुरवर को । महिमा कहे न जाय लागत हूं पद को । जय देव जय देव ॥०१॥ जय जय श्री गणराज विद्या सुखदाता । धन्य तुम्हारो दर्शन मेरा मन रमता । जय देव जय देव ॥०२॥ भावभगत से कोई शरणागत आवे । संतति संपत्ति सबहि भरपूर पावे । ऐसे तुम महाराज मोको अति भावे । गोसावीनन्दन निशिदिन गुण गावे । जय देव जय देव ॥०३॥ जय जय श्री गणराज विद्या सुखदाता । धन्य तुम्हारो दर्शन मेरा मन रमता । जय देव जय देव ॥०४॥